राजस्थान कुष्ठपीडितों को जीविका भत्ता दिलाएंगे- कलराज मिश्र
जयपुर। कुष्ठपीडितों के सबलीकरण के लिए मैं एक बार पुनः संसद में विशेष याचिका दर्ज करूंगा। कुष्ठपीड़ा के संदर्भ में जनजागृती करने के लिए जयपुर में संपन्न राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रहे राम नाईक ने किया। जयपुर के ‘सार्थक मानव कुष्ठाश्रम’ द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के 18 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।
इस मौके पर पूर्व राज्यपाल उप्र श्री. नाईक ने याद दिलाते हुए बताया कि वर्ष 2008 में उन्होंने देश के विभिन्न कुष्ठपीडित संगठनों के साथ कुष्ठपीडितों के सबलीकरण के लिए राज्यसभा में विशेष याचिका दर्ज की थी। राज्यसभा की याचिका समिति ने देश के विभिन्न कुष्ठपीडित बस्तियां, केन्द्रों की यात्रा कर अपनी अभ्यासपूर्ण रपट बनायी थी। जिसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट वर्ष 2010 में आ गयी थी। इस रिपोर्ट के चलते विश्व आरोग्य संगठन तथा आरोग्य मंत्रालय के अनुसार कुष्ठपीडितों की विद्यमान वैद्यकीय स्थिति के मद्देनजर लगभग 16 कानूनों में सुधार लाने की बात कही गयी थी। तलाक संदर्भ में सभी धर्मों के कानूनों के साथ-साथ रेल यात्रा अनुमति, चुनाव लड़ने के अधिकार आदि संबंधी कानूनों की बात भी की गयी थी।
श्री नाईक ने बताया कि कुष्ठपीडितों के जीविका भत्ता पर भी सहमति थी। हालांकि रपट में लिखी कई बातों पर कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। कई राज्यों में तो अभी भी कुष्ठपीडितों को जीविका भत्ता नहीं मिलता। राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल पद्म भूषण राम नाईक ने फिर एक बार राज्यसभा में विशेष याचिका दर्ज करने का ऐलान किया और अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न कुष्ठ संस्थाओं को साथ में सम्मिलित होने का आवाहन किया.
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि एक जानकारी के अनुसार दुनिया के कुष्ठपीडितों में से 60 प्रतिशत रुग्ण भारत में है जो देश के अलग-अलग 800 बस्तिओं में निवास करते हैं। अधिवेशन में सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के संरक्षक डॉ. के.एल. जैन, अध्यक्ष सुरेश कौल, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक डी.आर. मेहता, राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. विजयलक्ष्मी गोदारा, ‘अपाल’ की अध्यक्षा माया रणावरे, आईएलपी इंडिया के डॉ. श्रीलेखा पेना, इंटरनैशनल लेप्रसी यूनियन के शरद भोसले, स्पार्क के डॉ. अमिताभ मेहरोत्रा, आदि उपस्थित रहे।