बनाये जा सकते हैं इंडिया गठबंधन के प्रमुख स्टार प्रचारक
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद तथा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह का जन्म 22 मार्च 1972 को उप्र के सुल्तानपुर में हुआ था। संजय सिंह को ‘आप’ ने वर्ष 2018 में दिल्ली से राज्यसभा सदस्य के रूप में चयन किया था। श्री सिंह आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश, ओडिशा तथा राजस्थान के राज्य प्रभारी हैं। 4 अक्टूबर 2023 को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और उत्पाद शुल्क नीति में उनकी भूमिका के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया था। वर्ष 2011 में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे के नेतृत्व वाले भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन तक अपने गैर-राजनीतिक अभियानों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर तत्कालीन यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ उन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया था।
शिक्षक माता-पिता की संतान संजय सिंह के पास क्योंझर में उड़ीसा स्कूल ऑफ माइनिंग इंजीनियरिंग से माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, सिंह नियमित ‘9 से 5’ की नौकरी करने के इच्छुक नहीं थे। 1994 में उन्होंने ‘सुल्तानपुर समाज सेवा संगठन’ नाम से एक संगठन शुरू किया और ग़रीबों के बीच काम करना शुरू किया - रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना और लोगों के अधिकारों के लिए अभियान चलाया। श्री सिंह श्रमदान द्वारा गोमती नदी को साफ़ करने के आंदोलन में भी शामिल रहे तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ गोमती नदी परियोजना के भीतर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया था। उप्र की योगी सरकार के मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ भी लगातार किया जिसके कारण उप्र की योगी हुकुमत ने इन पर कई धाराओं मे मुकद्मा भी क़ायम किया लेकिन संजय सिंह निडर होकर हर परिस्थिति का सामना करते रहे और योगी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे।
3 अप्रेल को तिहाड़ जेल से बाहर आते ही आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को अपना आक्रामक तेवर दिखा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती देते हुए संजय सिंह ने कहा कि 6 माह जेल में ख़ूब पढ़ाई की और राजनीति ही नहीं बल्कि जेल के क़ानून को भी भलि भांति समझ लिया। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली की 7 में से 4 सीटों को भाजपा से छीनने का फार्मूला वे अरविंद केजरीवाल से लेकर ही बाहर आये हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस की तीन सीटों का तो नहीं लेकिन आम आदमी पार्टी की 4 सीटों पर संजय सिंह भाजपा को खुली चुनौती दे सकते हैं जिससे भाजपा का नुकसान होना तय है।
आइये जानते हैं दिल्ली शराब घोटाले में ED द्वारा गिरफ़्तार किये गए संजय सिंह की गिरफ़्तारी से ज़मानत तक का सफ़र तथा ज़मानत के 5 मुख्य बिंदू।
1) Supreme Court में दिल्ली शराब घोटाले की सुनवाई कर रहे तीन जजों की बेंच जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता तथा जस्टिस पीबी वारले ने ED के वकील एडिशनल साॅलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि इस मामले में हम 2 बजे निर्देश देंगे।
2) बेंच ने कहा था कि ED हमें यह बताए कि क्या संजय सिंह को अभी भी कस्टडी में रखे जाने की ज़रूरत है? जबकि वो 6 महीने से जेल में हैं।
3) अदालत ने कहा कि संजय सिंह के पास से अभी तक कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है। 2 करोड़ की घूस लेने के मामले में भी ट्रायल के दौरान उनसे पूछताछ हुई है।
4) संजय सिंह ने कहा कि कस्टडी में 3 महीने से भी ज़्यादा का अरसा गुज़र गया है और इस मामले में अभी तक मेरी किसी प्रकार की भागीदारी साबित नहीं हो सकी है।
5) अदालत में 2 बजे दोबारा सुनवाई शुरू हुई। ED ने कहा कि हमें संजय सिंह की बेल पर कोई एतराज़ नहीं है। जिसके बाद SC ने संजय सिंह को ज़मानत दे दी।
वर्ष 2022- ED ने अपने चार्जशीट में संजय सिंह का ज़िक्र किया था। शराब घोटाले में अभियुक्त से गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने उन्हें 82 लाख रू का चेक देने का दावा किया था। ED के मुताबिक दिनेश 2020 में अपने रेस्टोरेंट Unplugged Courtyard में एक पार्टी के दौरान संजय सिंह से मिला था। संजय ने उसे दिलली विधानसभा चुनाव में AAP के लिए चंदा देने के लिए रेस्टोरेंट मालिकों से बात करने को कहा था।
वर्ष 2023- 4 अक्टूबर, ईडी ने संजय सिंह के घर क़रीब 10 घंटे तक छापेमारी और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया था।
5 अक्टूबर- उन्हें राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से संजय सिंह को 10 अक्टूबर तक रिमांड पर भेज दिया गया।
10 अक्टूबर- राउज़ एवेन्यू कोर्ट में दोबारा पेशी हुई। कोर्ट ने संजय सिंह की रिमांड 3 दिन और बढ़ा दी।
13 अक्टूबर- संजय सिंह ने गिरफ़्तारी रिमांउ के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली। कोर्ट में उसी दिन सुनवाई हुई। AAP नेता को 27 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया।
20 अक्टूबर- दिल्ली HC ने संजय सिंह की गिरफ़्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
27 अक्टूबर - दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह की ज्यूडिशियल कस्टडी 10 नवंबर तक बढ़ा दी।
3 नवंबर- संजय सिंह ने उनकी गिरफ़्तारी बरक़रार रखने के दिल्ली HC के फ़ैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी।
20 नवंबर- SC ने कहा कि संजय सिंह अंतरिम ज़मानत याचिका दायर कर सकते हैं। इसका दिल्ली HC के फ़ैसले से कोई लेना देना नहीं है।
11 दिसंबर- SC में जस्टिस संजीव खन्ना तथा जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में मामला पहुंचा। कोर्ट ने इसे फ़रवरी 2024 के लिए लिस्ट कर दिया।
वर्ष 2024
27 फ़रवरी- SC ने संजय सिंह की ज़मानत याचिका पर ED को नोटिस जारी किया।
5 फ़रवरी- संजय सिंह की याचिका पर SC में सुनवाई नहीं हो सकी।
19 मार्च- SC में सुनवाई हुई। संजय सिंह ने बताया कि उन्हें गिरफ़्तारी से पहले ED ने कोई समन नहीं भेजा था। कोर्ट ने 2 अप्रेल को सुनवाई की अगली तारीख़ तय की।
2 अप्रेल- अंतत्वोगत्वा SC की तीन जजों की बेंच ने ED की कार्यवाही को निल क़रार देते हुए संजय सिंह को ज़मानत दे दी।
3 अप्रेल- SC द्वारा ज़मानत दिये जाने के बाद संजय सिंह तिहाड़ जेल से रिहा हो गए।