चाचा पशुपति पारस के लिए छोड़ सकते हैं हाजीपुर सीट
बिहार। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि वे जमुई से ही अगले लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। चिराग रविवार को अमृत भारत स्टेशन योजना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जमुई पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि मैंने शुरुआती दौर में ही एक आशीर्वाद जमुई के लोगों से मांगा था। अब वापस आशीर्वाद मांग रहा हूं। मै जवानी में जमुई आया हूं और अब यहां से बुजुर्ग बनकर ही जाना चाहता हूं। चिराग के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि वे अपने चाचा और रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस के लिए हाजीपुर सीट छोड़ सकते हैं।
चिराग ने ये भी कहा कि यह चुनावी गणित है, कौन कहां से चुनाव लड़ता है, समय आने पर बता दिया जाएगा। पारस पहले ही कह चुके हैं कि हम हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे। चिराग जमुई का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे क्यों अपनी जनता को छोड़ना चाहते हैं।
जमुई से मेरा रिश्ता सिर्फ सांसद वाला नहीं
चिराग ने हाजीपुर को लेकर कहा कि रामविलास पासवान के बेटे होने के नाते मेरी बड़ी जिम्मेदारी हाजीपुर के प्रति है। मेरे नेता की पहचान हाजीपुर से है, वहीं मेरी पहचान जमुई से है। ऐसे में मेरी जिम्मेदारी जमुई की जनता के लिए है। चिराग ने आगे कहा कि जमुई से मेरा रिश्ता सिर्फ सांसद वाला नहीं है। यहां की एक-एक जनता से मेरा रिश्ता है। जमुई से व्यक्तिगत जो संबंध है, जिसको मरते दम तक निभाएंगे।
नीतीश और महागठबंधन पर जमकर बरसे चिराग पासवान कहा घंमडियों का समूह
अपने भाषण के दौरान चिराग ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घमंडी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को प्ण्छण्क्ण्प्ण्। के संयोजक बनने की लालसा है।
विपक्षी दलों की गठबंधन पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि यह घमंडी लोगों का गठबंधन है। प्ण्छण्क्ण्प्ण्। में शामिल सभी पार्टियों के नेता व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के साथ देश और प्रदेश को सूली पर चढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश भी उनमें शामिल हैं। 2015 में महागठबंधन के साथ और 2020 में एनडीए के साथ जनादेश मिला था, लेकिन दोनों जनादेश को खंडित किया गया।
चिराग पासवान यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री बेंगलुरु गए और निराश होकर वहां से लौटे। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि नेतृत्व नहीं तो कम से कम संयोजक ही बना दें। अब मुंबई में उनका कैसा स्वागत होता है। यह देखने वाला होगा।
चिराग ने कहा कि बेंगलुरु में उनके खिलाफ पोस्टर लगे, जो बिहार को शर्मसार करने वाला था। पुल टूटते तस्वीर वहां दिखाई गई। बिहार में बांध चूहे कुतर जाते हैं, पुल हवा में गिर जाती है, यह भ्रष्टाचार की देन है। उनके पास कोई मॉडल नहीं है। जिनको बिहार की जनता ने तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया, उनको देश की जनता कैसे स्वीकार करेगी।
कार्यक्रम में शामिल सांसद चिराग पासवान और श्रेयसी सिंह
लोजपा (रा) के अध्यक्ष ने कहा कि प्ण्छण्क्ण्प्ण्। में शामिल दल एक-दूसरे का भला नहीं चाहते बल्कि एक दूसरे के सिर पर पांव रखकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बहुत सूट करता है। चिराग ने आगे कहा कि बेंगलुरु के बैठक से पहले बिहार की बैठक में बड़े अगुआ बन रहे थे। बेंगलुरु के बैठक में तीसरे चैथे पंक्ति के नेता बन गए थे।